भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से एक रोमांचक टेस्ट सीरीज शुरू होने जा रही है. इस सीरीज पर ना सिर्फ भारत और आस्ट्रेलिया के क्रिकेट प्रेमियों की नजर होगी बल्कि यह सीरीज पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांच लेकर आएगी. 2011 विश्व कप क्रिकेट के बाद से ऐसा कोई बड़ा मौका नहीं आया है जब क्रिकेट प्रेमियों को जश्न मनाने का मौका मिले लेकिन क्रिकेट के इस खेल में जब दो महारथी टकराएंगे तो क्रिकेट का खेल अपने उच्चतम स्तर पर होगा.
अब जहां तक इस सीरीज के रोमांच की बात करें तो भारत का पलड़ा आस्ट्रेलिया से भारी लगता है. भारत के पास तीन ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने पिछले एक दशक से दुनिया भर के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की है और आस्ट्रेलिया तो उनका फेवरिट रहा है. आइए नजर डालते हैं सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के प्रदर्शन पर. यह तीनों बल्लेबाज भारतीय बल्लेबाजी की नींव और रीढ़ हैं.
“द वॉल” देगी सहारा
राहुल द्रविड़ नंबर तीन पर उतरकर हमेशा ही टीम को एक संतुलन देने की कोशिश करते हैं. द वॉल ने अपनी इस भूमिका को हमेशा ही बखूबी निभाया है. कुछ समय पहले कुछ लोग इस खिलाड़ी की तकनीक पर गंभीर सवाल उठा रहे थे पर 2011 में टेस्ट मैचों में सर्वाधिक रन बना कर इस बल्लेबाज ने साबित कर दिया कि इस “दीवार” की ईंटें अभी भी किसी भी वार को झेलने में सक्षम हैं. दुनिया के सबसे बेहतरीन तकनीकी बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ की एक खासियत यह भी रही है कि उन्होंने अपने अधिकतर रन विदेश में बनाए हैं. आस्ट्रेलिया भी उनका पसंदीदा देश रहा है.
द्रविड़ ने आस्ट्रेलिया में अब तक 11 टेस्ट मैच खेले हैं जिनकी 22 पारियों में उन्होंने 52.72 के औसत से 949 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक शामिल है.
सचिन का “आस्ट्रेलिया” प्रेम
आस्ट्रेलिया अगर किसी खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा महत्व रखता है तो वह हैं सचिन तेंदुलकर. आस्ट्रेलिया के खिलाफ रन बनाना सचिन को हमेशा ही पसंद है. आज तक चाहे सचिन ने कहीं भी शतक बनाया हो पर उनके पसंदीदा शतकों में से अधिकतर उन्होंने इसी प्रतिद्वंदी के खिलाफ बनाए हैं.
आस्ट्रेलियाई धरती पर तेंदुलकर अब तक 16 टेस्ट मैच की 30 पारियों में 58.53 के औसत से 1522 रन बना चुके हैं जिसमें छह शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं. तेंदुलकर ने एमसीजी पर चार मैच में 344 रन बनाए हैं.
तेंदुलकर को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड का बादशाह कहा जा सकता है. इस मैदान पर तेंदुलकर ने चार मैच में तीन शतकों की मदद से 664 रन बनाए हैं. उन्होंने नाबाद 241 रन की पारी इसी मैदान पर खेली थी.
लक्ष्मण: आस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ा खतरा
कहा जाता है अगर वीवीएस लक्ष्मण को नींद से जगाकर भी आस्ट्रेलिया के खिलाफ उतारा जाए तो वह शतक बना देंगे. यह बात सच भी है. लक्ष्मण ने कई अहम मौकों पर भारत को आस्ट्रेलिया से जीत दिलाई है. आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही उन्होंने अपना पहला शतक बनाया था. विश्व की सबसे मजबूत टीम के खिलाफ उनके सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर ही उन्हें भारतीय टीम में आज यह स्थान मिला है.
लक्ष्मण जब आस्ट्रेलिया के सामने होते हैं तो उनका खेल एकदम से बदल जाता है. उन्होंने अब तक आस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्ट मैच में 55.58 की औसत से रन बनाए हैं जिनमें मार्च 2001 में कोलकाता में खेली गई 281 रन की यादगार पारी भी शामिल है.
आस्ट्रेलिया में लक्ष्मण ने जो 11 टेस्ट मैच खेले हैं उनमें उन्होंने चार शतक जमाए हैं. इनमें तीन शतक उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर लगाए हैं.
इन तीसमार खानों के अलावा इस बार नजर होगी धमाकेदार सहवाग और धोनी पर. सहवाग ने आस्ट्रेलिया में छह मैच की 12 पारियों में 62.50 की औसत से 750 रन बनाए हैं. अब देखना यह है कि आस्ट्रेलिया की धरती पर यह टॉप बल्लेबाज कैसा प्रदर्शन करते हैं.
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