सचिन तेंदुलकर का महाशतक लगने से भारत तथा विश्व के उन तमाम दर्शकों का इंतजार खत्म हुआ जो पिछले कई महीनों से महाशतक की राह में आंखें बिछाए बैठे थे. क्रिकेट की दुनिया में इस तरह का महारिकॉर्ड पहला है जिसे लगाने के लिए हर खिलाडी सपना देखता है.
महाशतक न लगाने का दर्द सचिन बखूबी जानते थे. मीडिया के साथ उनके क्रिकेट के साथी भी उन्हें संन्यास लेने की सलाह देते थे. लेकिन सचिन ने उन सभी अटकलों को मीरपुर के मैदान पर महाशतक लगा कर दूर कर दिया. क्रिकेट के भगवान का यह महाशतक 33 पारी के बाद लगा. सचिन के नाम अब 51 टेस्ट शतक और 49 एकदिवसीय शतक दर्ज हो गए हैं.
लेकिन सचिन के इस दुर्लभ 100वें शतक पर कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे:
1. क्या सचिन द्वारा लगाया गया यह शतक सचिन की गरिमा और शतक की महत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है?
2. क्या सचिन का महाशतक बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के खिलाफ उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ होता?
3. आखिर सचिन का महाशतक बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के खिलाफ ही क्यों लगा?
4. क्या इस महाशतक के लगने से सचिन वाकई क्रिकेट के भगवान हो बन गए हैं?
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