Menu
blogid : 7002 postid : 360

Anil Kumble Profile: भारतीय स्पिनरों में जान फूंकने वाले अनिल कुंबले

anil kumbleभारत में जब भी स्पिनरों को याद किया जाएगा उस समय अनिल कुंबले का नाम कतार में सबसे आगे होगा. स्पिन गेंदबाजी को भारतीय टीम में एक अहम भूमिका देने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा. उनके अपने रिकॉर्ड बताते हैं कि वह दुनिया के महान और श्रेष्ठ स्पिनरों में कहां स्टैड करते हैं. उनका नाम विश्व के धुरंधर स्पिनरों में श्रीलंका के मुथैय्या मुरलीधरन और आस्ट्रेलिया के शेन वार्न के बाद लिया जाता रहा है. दुनिया के इसी महान खिलाड़ी का आज जन्मदिन है.


Read: क्या भाजपा भी अरविंद से डरी हुई है ?


भारत के सफलतम क्रिकेटरों में से एक अनिल कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर, 1970 को कर्नाटक के बंगलुरु में हुआ. उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके परिवार वालों ने केरला नाम के एक गांव के नाम पर रखा. उनकी हाइट को देखते हुए लोग उन्हें ‘जंबो’ के नाम से भी जानते हैं. कुंबले की आरंभिक शिक्षा एक इंग्लिश स्कूल में हुई. कुंबले ने अपनी शिक्षा नेशनल कॉलेज बसावनागुडी से पुरी की. वह पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर भी हैं. उन्होंने 1992 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की.


एक मैच विनिंग गेंदबाज के रूप में दर्जा रखने वाले अनिल कुंबले का शुरू से क्रिकेट की ओर रुझान था. उन्होंने बंगलुरु की गलियों में खेल कर ही क्रिकेट के बारे में जाना. वह तेरह साल की उम्र में ही ‘यंग क्रिकेटर्स’ नाम के क्लब से जुड़ गए थे. कर्नाटक की तरफ से कुंबले ने अपना फस्ट क्लास डेब्यू हैदराबाद के खिलाफ 1989 में किया जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए. उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अंडर 19 टीम में चुन लिया गया.


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुंबले ने श्रीलंका के खिलाफ अप्रैल 1990 में प्रदार्पण किया. इसी साल उन्होंने इंग्लैड के खिलाफ टेस्ट में भी अपना पहला कदम रखा. प्रदर्शन के तौर पर 1996 का साल कुंबले के लिए काफी सुनहरा रहा. उन्होंने न केवल विश्वकप में बल्कि उस साल टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया. यही वह साल था जब कुंबले को पुरी दुनिया एक महान स्पिनर के रूप में जानने लगी. दाएं हाथ के इस लेग स्पिनर ने दुनिया को उस समय आश्चर्य चकित कर दिया जब पाकिस्तान के विरूद्ध 4 फरवरी, 1999 को आरंभ हुए दिल्ली टेस्ट की चौथी पारी में अपने 26.3 ओवरों में 9 मेडन रखते हुए 74 रन देकर सभी 10 विकेट लिए. उनसे पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने 26 जुलाई, 1956 को आस्ट्रेलिया के 10 विकेट लिए थे. इसके अलावा कुंबले टेस्ट मैच में 5 विकेट 35 बार और 10 या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा 8 बार कर चुके हैं. एक क्रिकेटर के तौर पर कुंबले आईपीएल की टीम बंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स को पहले कप्तान के रूप में अब प्रशासक के रूप में सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.


अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं. 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी उनके नाम है. वह कभी गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी से भी कारनामा कर चुके हैं. उनके नाम पांच अर्धशतक और एक शतक भी है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लगाया. एक बेहतर इंसान के रूप में भी जाने जाने वाले अनिल कुंबले को क्रिकेट के लिए पहला पुरस्कार 1995 में अर्जुन अवार्ड के रूप में मिला. वर्ष 2005 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.


भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इस नियुक्ति के साथ ही अनिल कुंबले पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर के बाद आईसीसी समिति की अध्यक्षता संभालने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए. वह बीसीसीआई की तकनीकी समिति के अध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा वह कर्नाटक क्रिकेट संघ के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं.


Tag: Anil kumble, anil kumble 10 wickets, anil kumble spin bowling, Anil Kumble Profile, अनिल कुंबले, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, भारतीय क्रिकेट टीम, पाकिस्तान.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh