पिछले मैच में इंग्लैंड के कप्तान ऐलेस्टर कुक ने जिस एक स्पेश्लिस्ट स्पिनर को न खिलाकार भारी गलती की थी आज उसी स्पिनर ने भारत के दो महत्वपूर्ण विकेट झटके. इंग्लैंड के फिरकी गेंदबाज मोंटी पनेसर ने अपनी घातक गेंदबाजी से पहले तो 30 रन के स्कोर पर सहवाग को चलता कर किया उसके बाद संन्यास के बिलकुल करीब पहुंच चुके सचिन तेंदुलकर को भी 8 रन आउट कर दिया.
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पिछले टेस्ट (अहमदाबाद टेस्ट) मैच में भी सचिन का प्रदर्शन काफी लचर रहा. वह पहली पारी में 18 गेंद पर 13 रन बनाकर आउट हो गए. भारतीय पिच पर जहां पुजारा जैसे उदीयमान खिलाड़ी न केवल अच्छा प्रदर्शन करते हैं बल्कि पूरे मैच को निकाल ले जाते हैं उसी पिच पर सचिन जैसे धुरंधर जिसके पास 20 साल से भी अधिक अनुभव है वह अपने को असहाय पाते हैं.
लगभग 20 साल से अधिक क्रिकेट को अपनी सेवा देने वाले सचिन तेंदुलकर आज उन गेंदबाजों के सामने असहाय दिख रहे हैं जिन्होंने सचिन को देखकर अपने कॅरियर की शुरुआत की. विश्वकप 2011 के बाद सचिन ने लगातार भारतीय दर्शकों को निराश किया. पहले इंग्लैंड फिर आस्ट्रेलिया उसके बाद न्यूजीलैंड के साथ खेले गए महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज में वह बिलकुल ही खोखले साबित हुए. पिछले कई महीनों से भारतीय टीम उनके सीनियर होने का फायदा नहीं उठा पा रही है.
मैच दर मैच जिस तरह से सचिन का खराब प्रदर्शन जारी है उसे तो देखकर यही लगता है कि अब सचिन भी क्रिकेट से ऊब चुके हैं या फिर यह कहें कि यह अंतिम घड़ी है जहां सचिन कभी भी क्रिकेट से अलविदा ले सकते हैं. जिस तरह से राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास बाद सचिन पर संन्यास को लेकर काफी दबाव बना. भारत के कई पूर्व खिलाड़ी भी चाहते हैं कि सचिन को संन्यास ले लेना चाहिए और नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए.
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