इस समय भारत में महिला विश्वकप चल रहा है. चोटी की आठ टीमें खिताब जीतने के लिए संघर्ष कर रही हैं. जिस तरह से विश्वभर में पुरुष क्रिकेट को शोहरत, नाम और पैसा मिला हुआ है उस तरह का सम्मान महिला क्रिकेट में देखने को नहीं मिलता. वैसे महिला क्रिकेट की यह हालत शुरु से ही है.
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महिला क्रिकेट का इतिहास
इतिहास में 26 जुलाई 1745 में महिलाओं द्वारा पहला क्रिकेट मैच खेला गया. लेकिन 1887 में पहली बार योर्कशायर में महिला क्रिकेट कल्ब का नाम सामने आया. तीन साल बाद इंग्लैंड में पहली टीम बनी जिसका नाम इंग्लैंड लेडी क्रिकेटर रखा गया. आस्ट्रेलिया में पहली महिला क्रिकेट लीग सन 1984 में आई.
सन 1958 में अंतराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद की स्थापना की गई जिसका काम था विश्वभर में महिला क्रिकेट को कॉडिनेट करना. महिला क्रिकेट में और अधिक सुधार के लिए सन 2005 में अंतराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में विलय कर दिया गया.
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पहला महिला टेस्ट मैच दिसंबर 1934 में इंग्लैंड वुमेन और आस्ट्रेलिया वुमेन के बीच खेला गया. सन 1973 से आज तक महिलाओं के लिए एकदिवसीय क्रिकेट मैच आयोजित किए जा रहे हैं. अब तक आठ बार महिला क्रिकेट विश्वकप आयोजित किया जा चुका है जिसमें से पांच बार आस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन बनी है जबकि इंग्लैंड टीम दो बार और न्यूजीलैंड की टीम एक बार विश्व चैंपियन बनी.
भारतीय महिला क्रिकेट
भारत में क्रिकेट 16वीं शताब्दी में आया. पहला क्रिकेट 1721 में खेला गया. 1848 में बंबई में पेरिस कम्यूनिटी ने पहली क्रिकेट क्लब की स्थापना की. भारतीय टीम ने 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला. इसी दौरान विश्वभर में महिला क्रिकेट अपनी जगह बना रहा था. भारत में महिला क्रिकेट की शुरुआत 1973 में उस समय हुई जब भारतीय महिला क्रिकेट संघ स्थापना हुई. भारतीय महिला टीम ने अपना पहला मैच 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला. 2006 में भारतीय महिला क्रिकेट संघ को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड में विलय कर दिया गया.
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