क्रिकेट को लेकर भारतीय दर्शकों में जुनून को देखते हुए जिस तरह से 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग का शुभारंभ किया गया था तब से लेकर आज तक आईपीएल का एक भी सीजन विवादों के बिना नहीं रहा. इस बार भी आईपीएल पर एक विवाद ने न केवल इसके वजूद पर सवालिया निशान खड़ा किया है बल्कि क्रिकेट की छवि को भी काफी नुकसान पहुंचाया है.
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अन्य सीजन की तरह ही आईपीएल 6 की शुरुआत भी काफी धमाकेदार हुई. लगा कि इस बार आईपीएल पर कोई दाग नहीं लगेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जाते-जाते इसके दामन पर ऐसा दाग लगा कि 2014 में खेले जाने वाला अगला सीजन ही संदेह के घेरे में आ गया है.
राजस्थान रॉयल्स टीम के तीन खिलाड़ी श्रीसंत, अजीत चंदीला, अंकित चव्हाण को कम से कम तीन आईपीएल मैचों में कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल रहने के आरोप में 15 मई की रात को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से ही निरंतर खुलासे पर खुलासे किए जा रहे हैं. इस सीजन के जरिए ही लोगों को मालूम हुआ कि स्पॉट फिक्सिंग के जरिए किस तरह से खिलाड़ी से लेकर बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड मुनाफा कमा रहा है.
वैसे आईपीएल की शुरुआत से ही इसके होने या न होने को लेकर निरंतर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कोई इसे भ्रष्टाचार का केंद्र बता रहा है तो कोई इसे भारतीय संस्कृति और समाज की दुहाई देकर इसके वजूद को खत्म करने पर तुला हुआ है. कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि क्रिकेट के इस फॉर्मेट की वजह से मूल क्रिकेट की पहचान ही खत्म हो रही है. खैर जो भी हो मुख्य मुद्दा यही है कि आज पांच साल गुजर जाने के बाद भी आईपीएल को अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
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