खेल के इतिहास में ऐसा कम ही देखा जाता है जब कोई टीम सभी मैच जीतने से ज्यादा केवल उस टीम को हराना पसंद करती है जो टीम उसके लिए चिर प्रतिद्वंदी है. कुछ ऐसा ही हाल भारत पाकिस्तान के मैच को लेकर होता है. अब वह चाहे हॉकी का मैच हो या फिर क्रिकेट मैच, आग तो दोनों तरफ से लगी रहती है. फिलहाल इंग्लैंड में खेले जा रहे आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत सेमीफाइनल में पहुंच चुका है जबकि उसका चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान प्रतियोगिता से बाहर हो चुका है लेकिन इस बात का गम पाकिस्तान को नहीं है. वह तो बेसब्री से उस मैच का इंतजार कर रहा है जो लीग मैच के आखिरी मुकाबले में भारत से होना है. यह मैच शनिवार 15 जून को बर्मिंघम में खेला जाएगा.
वैसे चैम्पियंस ट्रॉफी का इतिहास बताता है कि पाकिस्तान भारत पर हावी रहा है. अब तब चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बीच दो मैच हो चुके हैं और इन दोनों ही मैचों में भारत को हार झेलनी पड़ी है. पाकिस्तान ने पहली बार इस टूर्नामेंट में भारत को 2004 में एजबस्टन में ही हराया था. भारत के 201 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने तब मोहम्मद यूसुफ की नाबाद 81 रन की पारी की मदद से चार गेंद शेष रहते तीन विकेट की जीत दर्ज की थी. पाकिस्तान ने चैम्पियन्स ट्राफी में भारत के खिलाफ अपना दूसरा मुकाबला सितंबर 2009 में सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में 54 रन से जीता.
आपको बता दें इस मैच को कोई भी हारे या जीते, इसका परिणाम से कोई मतलब नहीं हैं फिर भी दोनों देश एक-दूसरे से भिड़ने के लिए बेताब हैं. पाकिस्तान ने तो चैंपियंस ट्रॉफी के शुरू होने से पहले ही यह जाहिर कर दिया था कि भारत के साथ होने वाला मुकाबला कुछ खास होगा. मई की महीने में पाकिस्तानी हरफनमौला मोहम्मद हफीज ने कहा था कि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भारत के खिलाफ क्रिकेट के मैदान पर कोई भी मुकाबला हमेशा खास होता है. पाकिस्तान अपने दोनों मैच हार चुका है फिर भी उसके हौसले सातवें आसमान पर हैं और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे भारत को हराने के लिए शनिवार के मैच का इंतजार कर रहा है.
वैसे इन दोनों टीमों के बीच होने वाले मैच का रोमांच केवल खिलाड़ियों में नहीं बल्कि दर्शकों में भी होता है. दोनों देशों के लोग इसे प्रतिष्ठा के साथ जोड़ते हैं. इनके रोमांच और उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि मैच शुरू होने से पहले ही टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो जाती है. टिकट काउंटर की खिड़की खुली नहीं कि एक घंटे में ही सारे टिकट बिक जाते हैं. भारत-पाकिस्तान के मैच को देखने के लिए माहौल कुछ इस तरह का होता है कि स्टेडियम खचाखच भरा रहता है और कोई भी दर्शक बैठकर मैच नहीं देखता सभी अपनी-अपनी टीमों का उत्साह बढ़ाते हुए दिखते हैं. पूरे मैच में दर्शकों के उत्साह में कोई कमी नही होती. इनके मैच की खासियत यही होती है कि अंतिम ओवरों तक इसका रोमांच बरकरार रहता है. ऐसे मैचों पर से टीवी पर देखने वाले दर्शकों की भी नजरें नही हटतीं.
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