अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ में का एक संवाद खूब हिट रहा, “फिल्म तीन चीजों से चलती है, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट और मैं एंटरटेनमेंट हूं.” खेल की दुनिया में यही संवाद इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) पर बिलकुल ही फिट बैठता है. आइपीएल यानी एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट जिसके जनक के रूप में पूर्व आईपीएल सचिव ललित मोदी का नाम सबसे ऊपर आता है.
एक जमाना था जब क्रिकेट को केवल खेल के रूप में देखा जाता था. आज यह पूरी तरह से ग्लैमर और चकाचौंध में तब्दील हो चुका है. क्रिकेट में ग्लैमर का तड़का और किसी की नहीं बल्कि ललित मोदी की सोच है. उन्होंने आईपीएल बनाकर यह साबित कर दिया कि खेल से कैसे पैसा बनाया जा सकता है. आईपीएल जब शुरू हुआ उस समय इस फॉर्मेट की काफी आलोचना की जा रही थी लेकिन ललित मोदी ने इन सभी बातों को दरकिनार रखते हुए क्रिकेट के एक नए फॉर्मेट की शुरुआत की जो आज आईपीएल के नाम से विख्यात है.
ललित मोदी की यह सोच लोगों को इतनी पसंद आई कि इसने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. आईपीएल की वजह से क्रिकेट में धन की बारिश होने लगी और खिलाड़ी उसमें गोते लगाने लगे. यह न केवल भारत में बल्कि उन देशों में भी उम्मीद की किरण बन कर आया जहां पर क्रिकेट अन्य खेलों के मुकाबले काफी लोकप्रिय है.
यह ललित मोदी ही थे जिनकी सोच को आधार बनाकर आज दुनिया में न केवल क्रिकेट में बल्कि अन्य दूसरे खेलों में भी आईपीएल की तर्ज पर लीग बनाई जा रही हैं.
क्रिकेट में इतनी बड़ी सफलता और सम्मान के बाद आज ललित मोदी उस स्थिति में जा पहुंचे हैं जहां पर क्रिकेट उनके लिए एक दाग बन चुका है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने गड़बड़ी और अनुशासनहीनता के आरोप में आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है. इस फैसले के बाद ललित मोदी अब बीसीसीआई में कभी किसी पद पर काबिज नहीं हो पाएंगे. बीसीसीआई ने ये फैसला अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर विचार के बाद लिया है.
ललित मोदी पर आरोप
मोदी पर आठ आरोप लगाए गए हैं जिनमें पैसे की हेराफेरी और दो नई टीमों की नीलामी में अनियमितता शामिल थे. आईपीएल के संचालन में वित्तीय अनियमितताओं के बाद उन्हें 2010 में निलंबित कर दिया गया था. 2008 से 2010 तक पहले तीन सीजन तक वह आईपीएल के चेयरमैन और कमिश्नर रहे.
क्रिकेट में ललित मोदी का सफर
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