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सचिन का नाम लेने से मुझे जलन होती है

जलन ऐसी दुर्भावना है जो दूसरों की सफलता, उपलब्धियों, योग्‍यताओं या उनकी बेहतर स्थिति को देखकर उत्‍पन्‍न होती है. हाल ही में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. इस खबर से सचिन के प्रशंसकों को दुख हुआ किंतु एक व्यक्ति और है जो इनसे भी ज्यादा   दुखी हुआ. वह जनाब हैं आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग.


पोंटिंग के दुख की वजह सचिन का संन्यास नहीं है बल्कि सचिन को विश्वभर में जो सम्मान और आदर मिल रहा है उससे वह काफी पीड़ित हैं. वह रह-रह कर अपने दुख के उबार को सबके सामने लाते हैं. अब हाल ही का मामला ले लीजिए. पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने वर्ष 2008 के ‘मंकीगेट’ विवाद की यादों को ताजा किया तथा उसमें भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की भूमिका पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि “हरभजन सिंह को बचाने वाले सचिन तेंदुलकर के बयान से वह स्तब्ध रह गए थे.”


अपनी आत्मकथा ‘द क्लोज प्ले’ में पोंटिंग ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आया कि अपील पर सुनवाई के दौरान सचिन तेंदुलकर ने हरभजन का साथ क्यों दिया जबकि जब मैच रेफरी माइकल प्रॉक्टर ने एंड्रयू सायमंड्स पर कथित नस्लीय टिप्पणी के लिए शुरू में हरभजन सिंह को तीन टेस्ट मैचों के लिए निलंबित किया था तब वह चुप रहे थे.”


इससे पहले पोंटिंग ने अपनी किताब ‘कैप्टेन्स डायरी 2008′ में लिखा था कि इस मामले में जिस दिन हमने भज्जी के खिलाफ शिकायत की थी, उसी दिन रात को मेरी भारतीय क्रिकेट टीम के एक वरिष्ठ सदस्य से फ़ोन पर बात हुई थी. उसने मुझे सीधे-सीधे भज्जी के ख़िलाफ़ शिकायत वापस लेने को कहा था.


क्या था मामला

वर्ष 2008 में हरभजन सिंह पर आरोप लगा था कि सिडनी टेस्ट के दौरान उन्होंने आस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी की है. बाद में इस मामले पर काफी विवाद बढ़ा. पहले हरभजन पर पाबंदी लगी और फिर अपील के बाद पाबंदी वापस ले ली गई. उस समय न्यूजीलैंड के न्यायाधीश जान हेंसन द्वारा की गई सुनवाई में सचिन तेंदुलकर गवाह के तौर पर पेश हुए थे, और उन्होंने हरभजन सिंह के पक्ष में गवाही दी थी.


दूसरे आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भी लगाए थे आरोप

रिकी पोंटिंग से पहले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट भी पांच साल पहले लिखी अपनी आत्मकथा में सचिन पर इस प्रकरण को लेकर अंगुली उठा चुके हैं. इसके अलावा एंड्रयू साइमंड्स ने भी अपनी किताब में भज्जी-साइमंड्स विवाद का जिक्र किया था और लिखा था कि सचिन इस मामले पर अपने बयान से पलट गए थे.


क्या सचिन से जलते हैं पोंटिंग

सचिन जब भी क्रिकेट से संबंधित कोई नया कारनामा करते हैं तो पूरी दुनिया इसकी चर्चा करती है लेकिन पोंटिंग सबसे अलग हटकर अपना बयान देते हैं. पहले भी कई मौकों पर उन्होंने सचिन की आलोचना की है. शायद इसके पीछे की वजह ये हो सकती है कि वह खुद को सचिन के समान मानते हैं. पोंटिंग ने 168 टेस्ट मैच में 51.85 की औसत से 13,378 रन बनाए हैं. एकदिवसीय मैचों में 13 हजार रनों के साथ  उन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में कुल मिलाकर 71 शतक भी लगाए हैं.


पोंटिंग के यह रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि वह सचिन से रिकॉर्ड के मामलों से ज्यादा दूर नहीं रहे. इसलिए उन्हें लगता है कि जिस तरह से सचिन की तारीफ होती है, वैसी ही तारीफ उनकी भी जाए. इसमें कोई शक नहीं है कि  पोंटिंग एक महान बल्लेबाज हैं लेकिन सचिन के आगे वह अभी भी बौने हैं. सचिन का रिकॉर्ड न केवल मैदान पर बल्कि उससे बाहर भी अच्छा रहा है. वह पोंटिंग की तरह किसी भी खिलाड़ी की आलोचना करने नहीं बैठ जाते.

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