1986 के शारजाह टूर्नामेंट में जब भारत के गेंदबाज चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर पाकिस्तान के बल्लेबाज जावेद मियादाद ने छक्का मारा तो भारतीय टीम सहित भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल टूट गया था. टीम की हार से न केवल भारत के लोग निराश थे बल्कि एक व्यक्ति और था जो चाहता था कि भारत यह मैच जीत जाए. उसका नाम है अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम.
मुंबई में पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम ने शारजाह टूर्नामेंट के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में आकर फाइनल में पाकिस्तान को हराने पर खिलाड़ियों को कार देने की पेशकश की थी लेकिन कपिल देव ने उसे फटकार लगाते हुए बाहर भेज दिया.
एकमात्र जलराजकुमार इंसानी रूप में धरती पर रहता है !!
दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने कहा कि मैच से एक दिन पहले संवाददाता सम्मेलन के दौरान दाऊद भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में आया था. उस जमाने के मशहूर भारतीय अभिनेता महमूद ने दाऊद को एक व्यापारी के रूप में हमसे मिलवाया. कपिल देव उस समय संवाददाता सम्मेलन के लिए गए हुए थे. कोई खिलाड़ी उसे पहचान नहीं पाया था लेकिन मैंने पहले उसकी फोटो देखी थी. महमूद ने दाऊद का परिचय कराते हुए कहा कि यह एक व्यापारी हैं और पाकिस्तान को हराने की स्थिति में भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को टोयोटा कोरोला कार देने की बात कही थी. यह मैच आखिरी गेंद पर मियांदाद के छक्के की बदौलत पाकिस्तान ने जीत लिया था और यही जावेद मियांदाद आज की तारीख में दाऊद का समधी है.
अब क्यों याद आया वेंगसरकर को डॉन
इतने दिनों के बाद सनसनीखेज खुलासा कर पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) क्या साबित करना चाहते हैं कि वह दाउद से ड़रते नहीं है, लेकिन यहां तो वह खुद उस समय के कप्तान कपिल देव के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चला रहे हैं. उनकी बात से यह लगता है कि वह इस तरह की बयानबाजी करके अपने आप को लाइम लाइट में लाना चाहते हैं. अगर यह मान भी लिया जाए कि दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) सही बोल रहे हैं, फिर भी वेंगसरकर और टीम के सभी खिलाड़ी जिसमे कपिल देव भी शामिल हैं पहले जिक्र क्यों नहीं किया.
सवला मनैजमेंट पर भी उठता है. उस समय जयवंत लेले टीम के मैनेजर थे. अगर कोई कुख्यात व्यक्ति ड्रेसिंग रूम में शामिल होता है तो यह मनैजमेंट की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे व्यक्तियों को खिलाड़ियों से दूर रखे. आपको बताते चले कि दाऊद इब्राहिम ने 1980 में ही डी कंपनी बना ली थी और वो कुख्यात हो चुका था. आज दाऊद इब्राहिम भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में एक है. जिसे भारत कब से पाकिस्तान से सौंपने की मांग कर रहा है.
Dawood Offered cars to Indian Cricketers in 1986
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