Menu
blogid : 7002 postid : 653759

टीम में जगह पाना अब तो दूर की कौड़ी है

किसी भी इंसान की जिंदगी में वक्त एक सा नहीं होता खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जिनकी सफलता और असफलता उनके प्रदर्शन पर टिकी हुई हो. कभी टीम इंडिया के लिए भरोसमंद बल्लेबाज माने जाने वाले गौतम गंभीर आज भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में स्थान पाने के लिए पसीने बहा रहे हैं लेकिन कामयाबी मिलने का नाम ही नहीं ले रही. हर बार उन्हें चयनकर्ताओं द्वारा गच्चा दे दिया जाता है.


goutam gambhirदिसंबर महीने में होने वाले दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया गया है. इस टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज जहीर खान की वापसी हुई है, जबकि सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की एक बार फिर अनदेखी हुई. सोमवार को घोषित 17 सदस्यीय टीम में अंबाती रायुडू एकमात्र नया चेहरा हैं. हाल ही में दिल्ली के लिए खेलते हुए हरियाणा के खिलाफ शानदार शतक लगाने के बावजूद सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के बारे में ऐसा कहा जाता था कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह टीम में जरूर वापसी करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.


पढ़िए: आरुषि हत्याकांड की पूरी कहानी


गौतम गंभीर दिसंबर 2012 से ही भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं है. वह न केवल टेस्ट में बल्कि पिछले 10 महीने से वनडे में भी जगह नहीं बना पाए हैं. गौतम गंभीर के लिए टीम में जगह न बना पाने की सबसे बड़ी वजह उनका प्रदर्शन है. गंभीर ने अब तक जितने भी घरेलू मैच खेले है उनमें से एक-दो मैच को छोड़कर बाकी सभी मैचों में वह फिसड्डी साबित हुए हैं. वह अब तक अपने खेल से चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं कर पाए हैं.


वैसे टीम में उनकी वापसी न होना केवल उनका प्रदर्शन ही नहीं है बल्कि शिखर धवन और रोहित शर्मा जैसे युवा बल्लेबाज की शानदार बल्लेबाजी भी है. एक तरफ जहां गौतम गंभीर लगातार नाकाम होते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ये दोनों बल्लेबाज अपने अच्छे खेल प्रदर्शन से सबका दिल जीत चुके हैं. इन दोनों सलामी बल्लेबाजों ने न केवल गौतम गंभीर का पत्ता साफ किया है बल्कि वीरेंद्र सहवाग की वापसी की उम्मीदों पर पानी भी फेरा है. सहवाग भी गंभीर की तरह टीम में जगह बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.


मां-बाप ने की थी आरुषि की हत्या


गौतम गंभीर के नेतृत्व में कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम ने जब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सीजन पांच का खिताब अपने नाम किया था तो उस समय क्रिकेट के कई जानकार गौतम गंभीर को राष्ट्रीय टीम के कप्तान के रूप में देखने लगे थे. दुर्भाग्य से उस समय कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक था. राष्ट्रीय टीम उनके नेतृत्व में मैच हार रही थी. हर तरफ से धोनी को हटाए जाने और गंभीर को कप्तान बनाए जाने की मांग भी उठ रही थी. लेकिन बीते ड़ेढ सालों में कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरी काया ही पलट दी. कप्तान धोनी तो अपनी जगह पर बने ही हुए हैं और उनकी टीम भी देश-विदेश में जाकर अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन गौतम गंभीर के लिए टीम का कप्तान बनना तो दूर उनके लिए जगह बना पाना भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है.


Read more:

Goutam Gambhir Profile

सचिन तेंदुलकर के अद्भुत रिकॉर्ड

सचिन को नहीं ‘क्रिकेट’ को अंतिम विदाई !

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh