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कैंसर पालिए आईपीएल जाइए

कलंकित आईपीएल-सात (इंडियन प्रीमियर लीग) की मंडी अपने पूरे शबाब पर है. नीलामी के पहले दिन देशी और विदेशी खिलाड़ियों की बोली लगाई गई. एक तरफ जहां क्रिकेट के कई नामी खिलाड़ियों के लिए कोई खरीददार नहीं मिला वहीं दूसरी तरफ ऑउट ऑफ फॉर्म चल रहे भारत के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर ने 14 करोड़ रुपए की भारी भरकम बोली लगाकर खरीद लिया.


yuvraj singh and virender sehwagआईपीएल सीजन सात में जिस तरह से रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लौर ने भारत के चर्चित खिलाड़ी युवराज सिंह पर पैसे की बारिश की यह खबर हर किसी के लिए हैरान करने वाली थी, लेकिन उससे भी अधिक हैरान करने वाली बात उस बल्लेबाज को लेकर है जो कभी भारतीय टीम और दिल्ली डेयरडेविल्स का स्टार खिलाड़ी हुआ करता था. मैदान पर विश्व के बेहतरीन गेंदबाजों को पानी पिलाने वाले सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को हैसियत के मुताबिक दाम नहीं मिले. उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने सिर्फ तीन करोड़ 20 लाख रुपए में खरीदा.


इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि सहवाग इस समय अपने कॅरियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. वह ना केवल अपने फॉर्म और फिटनेस से जूझ रहे हैं बल्कि उनकी आंख की दिक्कत भी उनके कॅरियर में बाधा बनी हुई है. लेकिन यह कहा जाए कि प्रदर्शन के अधार पर आईपीएल टीम के रहनुमाओं ने युवराज सिंह पर उम्मीद से ज्यादा दाम लगाए और सहवाग पर बेहद कम, तो यह बात हजम नहीं होती. क्योंकि आज के दौर में प्रदर्शन और फिटनेस के लिहाज से युवराज सिंह भी एक असफल खिलाड़ी हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो आज वह भारतीय टीम के साथ जुड़कर न्यूजीलैंड के साथ मैच खेलते. सहवाग की तरह वह भी पिछले दो सीजन में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं.


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अगर आज आईपीएल टीम के मालिकों ने सहवाग को छोड़कर युवराज पर दांव लगाया है तो इसकी दूसरी वजह भी हो सकती है. युवराज का बाजार मूल्य सहवाग से कई गुना ज्यादा है, इस बात को क्रिकेट और बाजार के पीड़ित हमेशा ही मानते आए हैं. दोनों खिलाड़ियों ने एक ही समय में अपने कॅरियर की शुरुआत की. दोनों ने जिंदगी में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी देखे, इसके बावजूद भी एक तरफ जहां युवराज ने अपने बाजार मूल्य को बरकरार रखा वहीं दूसरी तरफ सहवाग इस मामले में फिसड्डी दिखाई दिए.


युवराज सिंह अगर भारतीय टीम में रहते हैं तो मीडिया के लिए खबर रहती है, लेकिन टीम के बाहर भी वह मीडिया और बाजार को अपनी ओर खींच लाने का माद्दा भी रखते हैं. युवराज की उस अवस्था को कौन भूल सकता है जब वह कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे उस समय भी वह एक चर्चित शख्सियत के रूप विख्यात थे. मीडिया ने उन्हें खबर के रूप में लिया तो वहीं बाजार ने कैंसर से जीत हासिल करने वाले खिलाड़ी के रूप में. यूं कहें कि उनके कैंसर का बाजारीकरण किया गया. वहीं दूसरी तरफ सहवाग ने ऐसे सभी झंझावातों से अपने आप को दूर रखा. सहवाग अपनी ही दुनिया में जीने वाले इंसान है. तो क्या यह माना जाए कि सहवाग आईपीएल बाजार के मुताबिक एक उपयुक्त खिलाड़ी नहीं है.


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आज अगर आईपीएल में युवराज सिंह पर भारी भरकम दांव खेला गया है तो इसके पीछे भी बाजार है. बीसीसीआई और बाजार के पंडित यह मानते हैं कि सहवाग के मुकाबले सचिन के बाद युवराज एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो बिना प्रदर्शन के भी दर्शकों को मैदान पर खींच लाने की क्षमता रखते हैं.


इसे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मालिक विजय माल्या उस बयान से समझ सकते हैं, जब आईपीएल सीजन सात की नीलामी के पहले दिन उन्होंने कहा था कि उनकी टीम युवराज को चार करोड़ कम में खरीद सकती थी, क्योंकि 10 करोड़ पर नीलामी पूरी करने का संकेत दे दिया गया था लेकिन बाद में भी बोली लगाए जाने के कारण युवराज सिंह के लिए 14 करोड़ रुपए की कीमत तक जाना पड़ा.


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