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अंडर12 टीम के लिए चुना गया ये 4 साल का बच्चा

क्रिकेट को लेकर भारत में टैलेंट की कमी नहीं है इस बात से सभी वाकिफ हैं, लेकिन टैलेंट इस तरह से निकलेगा इसका किसी को अंदाजा नहीं था. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली के संगम बिहार में रहने वाला 4 साल का जमाल अपने स्कूल में अंडर 12 टीम के लिए चुना गया है. इसका मतलब यह हुआ कि ये 4 साल जमाल अपने स्कूल के 10-12 वर्ष के बच्चों के साथ खेलेगा.


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आज भारत में पैरेंट्स अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या फिर जज नहीं बनाना चाहते हैं, उनकी इच्छा यही रहती है कि उनके घर में भी कोई सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली हो. और शायद अपनी इसी इच्छा की पूर्ति के लिए अरशद अपने बेटे जमाल को क्रिकेट के गुर सिखा रहे हैं.


अरशद के मुताबिक ‘जमाल अपने जन्म के पहले साल से ही क्रिकेट के प्रति दीवाना हो चुका था. टीवी पर जब भी मैच आता वह टकटकी लगाकर देखने लगता. जब वह तीन साल का हुआ तो वह पहली बार विकेट के सामने खड़ा हुआ था और जब वह उम्र के चौथे साल में पहुंचा तब क्रिकेट की बारिकियों को समझने लगा था.’


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जमाल की बैंटिग देखने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मैदान पर कोई प्रोफेशनल खिलाड़ी खेल रहा है. जिस उम्र में बच्चे बोलने में हकलाते हैं उस उम्र में जमाल न केवल बैट को एक प्रोफेशनल अंदाज में पकड़ता है बल्कि मैदान पर शानदार कवर ड्राइव भी मारता है. जिस तरह से जमाल गेंद को सुरक्षात्मक तरीके से रोकता है, देखने वालों को महान बल्लेबाज राहुल द्रविड की याद आ जाती है.


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दिल्ली के हमदर्द पब्लिक स्कूल में केजी क्लास में पढ़ने वाले जमाल एक दिन विराट कोहली की तरह खेलना चाहते हैं. उनके मुताबिक विराट एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं जो जरूरत पड़ने पर भारत के लिए शतक बनाता है.


दिल्ली का एक मामूली सा व्यापारी और कल्ब स्तरीय क्रिकेटर अरशद अपने बटे जमाल का मार्गदर्शन करते हैं. वह कपड़े का काम करते हैं लेकिन उनका पूरा ध्यान अपने बेटे को क्रिकेट सिखाने में लगा रहता है.


अरशद अपने बेटे के बारे में कहते हैं, ‘जमाल का क्रिकेटिंग सेंस बहुत ही मजबूत है. उसके अंदर क्रिकेट को लेकर बहुत ही ज्यादा भूख है. जब मैं उसे एक या दो दिन का ब्रेक देता हूं, वह मुझे सताने लगता है और पूछता है कि, ‘हम प्रैक्टिस के लिए क्यों नहीं जा रहे.’ उसका गेम बहुत ही नेचुरल है. मैं तो केवल उसे आकार देने की कोशिश कर हूं.’


अरशद आगे कहते हैं, ‘मेरे परिवारवालों और दोस्तों को लगता है कि मैं अपने बेटे पर टाइम वेस्ट कर रहा हूं, लेकिन मुझे लगता है कि भगवान ने उसे असाधारण टैलेंट के साथ भेजा है. मैं उसके साथ अन्याय नहीं कर सकता. मुझे विश्वास है कि भगवान उसे रास्ता जरूर दिखाएंगे.’…Next


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