टीम इंडिया के बल्लेबाज विराट कोहली की आज पूरी दुनिया दीवानी है, लेकिन कहते हैं न हर सफल शिष्य के पीछे एक छिपा हुआ गुरू होता है, जो उसकी राह को आसान बनाने का काम करता है. ऐसा ही कुछ किया कोहली के कोच राजकुमार शर्मा ने. कोहली आज भी अपने कोच से सलाह लेते हैं और अपने कोच को उतना ही आदर औऱ सम्मान देते हैं, जितना एक शिष्य अपने गुरू को देता है. अनुभवी खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली की किताब ‘ड्रिवन’ में विराट के कोच ने उनके जीवन से जुड़े कुछ मजेदार किस्से बताएं हैं.
कैसे पड़ा नाम चीकू
विराट को लोग प्यार से ‘चीकू’ बुलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, उनका ये नाम कैसे पड़ा, दरअसल जब विराट हेयर सैलून से अपने बालों को कटवाकर आए तो उन्होंने अपने कोच से अपने नए स्टाइल के बारे में पूछा, उनके इस सवाल पर कोच ने उन्हें चीकू का नाम दिया और कहा कि ‘तुम बिल्कुल चीकू जैसे लग रहे हो.’ इसके बाद से ही विराट का नाम चीकू पड़ गया.
मैच खत्म होने तक पैडअप रहते थे विराट
विराट जब मैदान पर खेलने जाया करते थे, उस वक्त वह नंबर चार पर बैटिंग करने जाते थे और अगर वह आउट हो गए, तो वो तब तक अपने पैड को नहीं निकालते थे, जब तक मैच का अंत ना हो जाए.
15 साल मे मिला था बीडीएम से कॉन्ट्रेक्ट
विराट कितने काबिल थे, इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बिना कोई रणजी खेले विराट को एक बैट कंपनी बीडीएम ने कॉन्ट्रेक्ट देकर साइन कर लिया था. उस वक्त विराट की उम्र महज 15 साल ही थी.
बचपन से ही विराट को आता था गुस्सा
मैदान में विराट का गुस्सा तो सबने देखा है, लेकिन कोच की मानें तो उनके लिए ये सब नया नहीं है. विराट जब छोटे थे तब भी वो बहुत गुस्सैल और जिद्दी थे. विराट कितने गुस्सैल थे, इस बात का अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है कि उनके कोच ने उन्हें कई बार थप्पड़ तक मारे हैं.
Read: धोनी से ज्यादा हुई विराट की सैलरी, अन्य खिलाड़ियों की भी सैलरी बढ़ी
सिलेक्टर्स ने उड़ाया था विराट का मजाक
दुनिया आज जिस खिलाड़ी का लोहा मान रही है उस खिलाड़ी को कभी सिलेक्टर्स ने मजाक में लिया था. जी हां, विराट के कोच की मानें तो अंडर-15 के सिलेक्शन के लिए जो सिलेक्टर्स आए थे, उन्होंने विराट का मजाक बनाया था.
इस पूर्व क्रिकेटर ने दिया था साथ
जब अंडर-15 के सिलेक्शन टीम ने विराट को लेने से मना कर दिया था, उस वक्त पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने विराट की मदद की और विराट ने सिलेक्शन टीम को अपने खेल से सोच में ड़ाल दिया. आखिरकार उन्हें अंडर-15 में जगह मिली.
कोच को आज भी मानते हैं गुरू
विराट अपने कोच को आज भी अपना गुरू मानते हैं और साल 2014 में शिक्षक दिवस के मौके पर भाई के हाथों अपने कोच को बतौर गिफ्ट स्कोडा रैपिड भेंट की थी. उस दौरान विराट दूसरे देश में मैच खेल रहे थे.
विराट ने न केवल तोहफा दिया बल्कि उन्होंने फोन पर अपने कोच से बातें भी की. विराट जब भी दिल्ली में होते हैं और अपने काम से उन्हें वक्त मिलता है, तो वह अपने कोच से मिलने जरूर जाते हैं..Next
Read more:
गर्लफ्रेंड के लिए करोड़ों में खरीदा विराट ने बंगला, इस सेलिब्रिटी के बने पड़ोसी
फिल्मी सितारों से नहीं है कम ये क्रिकेटर्स, विज्ञापनों से बटोरते हैं इतना पैसा
क्रिकेट बैट स्टीकर्स से भी होती है कमाई!! विराट, धोनी और युवी लेते हैं इतने पैसे
Read Comments