कहते हैं दुनिया में वक्त से ज्यादा बलवान कोई नहीं है. आपने ऐसी कई कहानियां सुनी होगी, जिसमें राजा को रंक बनते देर नहीं लगती. ऐसा सिर्फ किस्से या कहानियों में ही नहीं होता बल्कि असल जिंदगी में भी ऐसे कई किस्से और मशहूर लोगों की आप-बीती है, जिसे सुनकर वक्त की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
बात करें फिल्मी दुनिया की, तो सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की जिंदगी में भी ऐसे दिन आए थे, जब उनका कारोबार पूरी तरह बर्बाद हो गया था और उन्हें निर्देशकों के पास खुद काम मांगने जाना पड़ा था. इसी तरह किसी पूर्व मॉडल या फिल्मी कलाकारों की आर्थिक स्थिति के बारे में आए दिन खबरें आती रहती है. शायद आम लोगों के साथ फिल्मी दुनिया वालों ने ऐसी खबरों को सामान्य मान लिया है, तभी फिल्मी दुनिया में काम करने वाले कितने ही जूनियर आर्टिस्ट पैसों की मोहताजी के चलते जिंदगी और मौत से जूझते रहते है.
बहरहाल, क्रिकेट की दुनिया भी ऐसे उदाहरणों से अछूती नहीं है. आज हम आपको ऐसे स्टार क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे हैं. जो कभी तूफानी ऑलराउंडर माना जाता था लेकिन खराब हालातों ने उसे क्रिकेट की दुनिया से ट्रकों की साफ-सफाई करने वाला कर्मचारी बना दिया.
‘क्रिस केर्न्स’ न्यूजीलैंड का वो खिलाड़ी जो मैदान पर आता था, तो दर्शक पूरे जोश के साथ केर्न्स का नाम पुकारने लगते थे.
बल्लेबाजी से लेकर कप्तानी तक
क्रिस को विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर जाना जाता है. टेस्ट मैचों में 3 हजार से ज्यादा और वनडे मैचों में 4 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले क्रिस की कप्तानी को भी खूब पसंद किया जाता था. जब न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग किसी वजह से मैच में मौजूद नहीं रहते थे, तो क्रिस पर भरोसा जताते हुए उन्हें कप्तानी सौंपी जाती थी.
अपने आक्रामक खेल की वजह से विवादों और चोटों से रहा नाता
माना जाता है क्रिस न्यूजीलैंड के ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें मैदान पर सबसे ज्यादा चोट लगती थी. वहीं खेल में की गई किसी टिप्पणी को लेकर भी क्रिस विरोधी टीम के क्रिकेटरों का रवैया बर्दाश्त नहीं करते थे. क्रिस आए दिन किसी ना किसी विवाद में फंस जाते थे. हालांकि, मामले को मैदान के अंदर ही सुलझा लिया जाता था.
क्रिकेट को कहा अलविदा, मैच फिक्सिंग विवाद में फंसे
2004 में क्रिस ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. वहीं 2006 में उन्होंने वनडे मैच ना खेलने की घोषणा भी कर दी. इसके अलावा वो आईसीसी वर्ल्ड 11 टीम का हिस्सा बने रहे. ये टीम सुनामी पीड़ितों के लिए डोनेशन मैच खेलती है. 2008 में क्रिस ‘भारतीय क्रिकेट लीग’ का हिस्सा बन गए. उन्हें चंडीगढ़ लॉयन टीम का कप्तान बनाया गया था.
कहा जाता है 2013 में आईसीसी ने एक मैच की जांच में पाया कि क्रिस का मैच फिक्सिंग से भी नाता रहा है. उनके एक साथी क्रिकेटर लो विन्सेन्ट ने मैच फिक्सिंग में अपना नाम आने पर खुलासा किया कि क्रिस ने कई बार मैच फिक्सिंग के लिए उनसे संपर्क किया था. उस समय तत्कालीन भारतीय प्रीमियर लीग के कमिश्नर ललित मोदी और क्रिस के बीच विवाद छिड़ गया था. दोनों के बीच 2010 में भी ट्विटर वॉर छिड़ गया. 2008 में हुए एक मैच के लिए उन्हें दोषी पाया गया. हालांकि, 2015 में उनपर भारी जुर्माना लगाकर उन्हें बरी कर दिया गया. माना जाता है जुर्माने के तौर पर क्रिस ने एक बड़ी राशि गवां दी थी.
2013-2014 में शुरू किया था ट्रक की साफ-सफाई का काम
क्रिस को 2013-14 में ऑकलैंड में ट्रक और बसों की साफ-सफाई करते हुए देखा गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें आधे घंटे के काम के बदले 17 डॉलर यानि करीब 1 हजार रुपए मिलते थे.
कभी अपने आलीशान लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते थे. …Next
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