ज्यादातर भारी ही पड़ता है. खासकर तब जब भारत उसकी जमीन पर क्रिकेट खेलने जाता है, हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत हमेशा कमजोर रहता है. जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आती है, तो यहां खेलने में उसे भी काफी मुश्किल होती है. भारत में सीरीज खेलने के बाद हार की वजह से इन कप्तानों को इस्तीफा तक देना पड़ा है.
रिकी पॉन्टिंग
एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2002 से 2011 तक पॉन्टिंग ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रहे. टेस्ट में 2004 से 2011 के बीच ऑस्ट्रेलिया की कमान सम्भाली. वे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटरों में माने जाते हैं. 2010-2011 के भारत दौरे पर पॉन्टिंग अच्छे फॉर्म में रहे. उनके बल्ले से 2 टेस्ट की 4 पारियों में 224 रन निकले. इस दौरान पंटर ने तीन अर्द्धशतकीय पारी भी खेली, लेकिन सीरीज नहीं बचा सके. पंटर की कप्तानी पर तभी से ग्रहण लगा, जो ऐशेज़ सीरीज में भी हार के बाद उनकी कप्तानी ले गया.
माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया के क्लार्क ने ऐशेज हार के बाद कप्तानी और क्रिकेट दोनों छोड़ी, लेकिन इसकी नींव भारत में 2013 में पड़ी. 2013 में भारत में चार टेस्ट की सीरीज़ में क्लार्क की सेना का 4-0 से सफाया हुआ. दौरे पर क्लार्क ने तीन टेस्ट में कप्तानी की और तीनों में बुरी हार देखी. क्लार्क का सपना रहा कि वे भारत को भारत में हरा सकें, लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया.
हाशिम अमला
दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट कप्तान हाशिम अमला ने टेस्ट टीम की कप्तानी तब छोड़ी, जब अफ्रीका भारत दौरे पर आया. अपने टेस्ट क्रिकेट कॅरियर में अमला 90 टेस्ट खेल चुके थे और भारत दौरा अमला के लिए महंगा साबित हुआ…Next
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