अक्सर आपने देखा होगा जो सितारे मशहूर होते हैं, अक्सर लोग यही सोचते हैं कि उनकी आने वाली पीढ़ी भी इसी काम को आगे लेकर जाएगी। फिर चाहे वो सितार खेल का हो या फिर सिनेमा का हो। एक क्रिकेटर की ये इच्छा होती है कि, उसकी आने वाली पीढ़ी भी उसी स्टारडम का लुत्फत ले जो उसने खुद लिया। क्रिकेट में पिता और बेटे की ऐसी बहुत सी जोड़ियां हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेला, लेकिन उनमें कुछ जोड़ियां ऐसी भी रही जो उम्मीदों के इस बोझ को सह नहीं सकी। आइए नजर डालते है ऐसे खिलाड़ियों पर जो क्रिकेट के इस खेल में पिता के साये में दब कर रह गए।
1. सुनील गावस्कर और रोहन गावस्कर
भारत के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने क्रिकेट की दुनिया में जो मुकाम पाया उनके बेटे रोहन इसके आस पास भी नहीं पहुंच पाए। अपने पिता के उलट रोहन एक बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। घरेलू स्तर पर रोहन का रिकार्ड बेहतरीन तो नहीं ठीक था, उन्हें भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का अवसर भी मिला लेकिन रोहन इस मौके को पूरी तरह भुना नही पाएं उन्होने 11 वनडे मैचों में सिर्फ 151 रन बनाएं।
2. विवियन रिचर्ड्स और मॉली रिचर्ड्स
दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में एक विवियन रिचर्ड्स के बेटे मॉली ने क्रिकेट की दुनिया में सपने सरीखी शुरूआत की 15 साल की उम्र में उन्होने एंटीगुआ के लिए शतक जमाया। 19 साल की उम्र में मॉली ने एंटीगुआ के लिए 319 रन की पारी को खेलकर उम्मीदों को आसमान पर पहुंचा दिया। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में मॉली जिस तेजी से ऊपर गए उतनी ही तेजी से नीचे भी गिरे। मॉली क्रिकेट के लिए जैसे ही यूनिवर्सिटी लेवल पर पहुंचे उनकी बल्लेबाजी का ग्राफ लगातार गिरने लगा और वो सेंकेंड टीम का हिस्सा बनकर रह गए। वह वेस्टइंडीज के लिए भी नहीं खेल सके।
3.डेनिस लिली और एडम लिली (ऑस्ट्रेलिया)
अपनी पेस गेंदबाजी से हर बल्लेबाज के दिल में दहशत पैदा करने वाले डेनिस लिली के बेटे एडम लिली कभी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सके। अपने पिता की तरह ही तेज गेंदबाजी करने वाले एडम के पास अपने पिता सरीखा पेस तो नही था लेकिन गेंद को हवा में मूव कराने की कला में वो माहिर थे। 1999 में ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड एलेवन के लिए खेलते हुए एडम ने पाकिस्तान के खिलाफ 29 रन देकर 3 विकेट झटके थे लेकिन इस मैच में भी उनके 50 वर्ष के पिता डेनिस लिली ने उनके प्रदर्शन को फीका करने वाली गेंदबाजी कर दी। 50 वर्ष के लिली ने मैच में 8 ओवर में सिर्फ 4 रन दिए और 3 विकेट भी चटकाए।
4.लेन हटन और रिचर्ड हटन
सर लेन हटन के बेटे रिचर्ड हटन भी उसी स्टारडम के नीचे दबकर रह गए, रिचर्ड हटन अपने पिता के स्टारडम के दबाव को नहीं झेल सके, जिसकी वजह से उनका करियर मात्र 5 टेस्ट मैचों तक सिमट गया।
यार्कशायर के लिए बोलिंग की शुरूआत करने वाले रिचर्ड ने फर्स्ट क्लास करियर में 625 विकेट चटकाने के अलावा लगभग साढ़े सात हजार रन भी बनाए, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका ये प्रदर्शन कायम ना रहा और वो भी एक सुपरस्टार क्रिकेट पिता के फ्लाप क्रिकेटर बेटे बन कर रह गए।…Next
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