भारत में क्रिकेट को खेल ही नहीं, धर्म की तरह माना जाता है। इस खेल को लेकर भारतीयों में गजब की दीवानगी है। क्रिकेट की बदलती तकनीक और खिलाड़ियों की शानदार परफॉरमेंस इस खेल के प्रति इंडियंस को और आकर्षित कर रही है। ऐसा हो भी क्यों न, इस देश ने क्रिकेट जगत को एक से बढ़कर एक सितारे दिए हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने न जाने कितने ही रिकॉर्ड बनाए हैं। उनके साथ कुछ ऐसे किस्से भी जुडे हैं, जिन्हें जब भी याद करो तो मन रोमांचित हो उठता है। ऐसा ही एक वाकया जुड़ा है भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पहले कप्तान सीके नायडू से, जिसे जानकर हर कोई रोमांचित हो उठेगा। आइये आपको बताते हैं उस खास घटना के बारे में, जो शायद कम लोग ही जानते हों।
दांत टूटकर पिच पर गिर गया
CK नाम से फेमस नायडू बेहद जीवट किस्म के खिलाड़ी थे। इसका अंदाजा आप उस किस्से से लगा सकते हैं, जब बल्लेबाजी के दौरान चोटिल होने के बावजूद नायडू ने खेल जारी रखा। इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में नायडू का सम्मान और भी ज्यादा बढ़ गया। हुआ यूं कि एक घरेलू क्रिकेट मैच में भारतीय टीम के ऑलराउंडर रहे दत्तू फडकर ने सीके नायडू को बाउंसर फेंकी। इस गेंद को नायडू ने आगे बढ़कर खेला। बॉल सीधे नायडू के दांत पर लगी, जिससे दांत टूटकर पिच पर गिर गया।
दांत उठाकर जेब में रखा और करने लगे बल्लेबाजी
इसे देख फील्डिंग कर रहे माधव आप्टे उनकी ओर दौड़े और नायडू का हाल-चाल पूछा। मगर उन्होंने कहा कि मुझे मत छुओ। इसके बाद अपना रुमाल निकालकर नीचे गिरा हुआ दांत उठाया और उसे अपनी जेब में डालकर फिर बल्लेबाजी करने लगे। खास बात यह रही कि इस चोट के बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए 60 के आसपास रन बनाए, जिसमें दो छक्के भी शामिल थे।
ऐसा सिक्स जड़ा कि दूसरे शहर में जाकर गिरी गेंद
भारत के इस शानदार क्रिकेटर की जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा और है। 1932 में भारत-इंग्लैंड के बीच वर्वीकशायर में खेले गए मैच के दौरान सीके नायडू चोटिल होने के बावजूद क्रीज पर मौजूद थे। स्टेडियम के पास एक नदी थी, जिसके दूसरी ओर व्रस्टेशायर शहर था। सीके नायडू ने एक गेंद पर इतना लंबा सिक्स जड़ा कि बॉल सीधे नदी को पार करते हुए व्रस्टेशायर शहर में पहुंच गई।
बल्लेबाजी ही नहीं गेंदबाजी में भी रहे अव्वल
31 अक्टूबर 1895 को नागपुर में जन्मे भारत के पहले टेस्ट कप्तान कर्नल सीके नायडू ने अपने कॅरियर में 7 टेस्ट मैच खेले, जिसकी 14 पारियों में उन्होंने 350 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 अर्धशतक भी जड़े। नायडू ने गेंदबाजी में भी हाथ आजमाया और 9 विकेट लिए। इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू मैच सन् 1932 में और आखिरी मैच सन् 1936 में खेला था। इसके अलावा फर्स्ट क्लास मैच में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने 207 मैचों में 11,825 रन बनाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 411 विकेट भी लिए…Next
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