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इस गेंदबाज ने महज 21 गेंदों में ठोक दिया था अर्धशतक, क्रिकेटर की बहन से रचाई है शादी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर आज अपना 40वां जन्मदिन माना रहे हैं। भारत के लिए एक दशक से अधिक समय तक खेलने वाले आगरकर ने तेज गेंदबाज के रूप में कई बेहतरीन प्रदर्शन किए हैं। वो बल्ले से भी अच्छी पारियां खेलने की काबिलियत रखते थे। एक समय में अजीत अगरकर को टीम में ऑलराउंडर के रूप में जाना जाने लगा था। इसकी वजह उनकी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्ले से भी बेहतर प्रदर्शन था। तो चलिए जानते हैं कैसा रहा उनका अबतक का सफर और कैसी है उनकी लव स्टोरी



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रमाकांत अचरेकर से ली है कोचिंग

अजीत अगरकर का जन्म मुंबई में 4 दिसम्बर 1977 को हुआ था। उनका बचपन मुंबई में ही बीता। उन्होंने मुंबई में माटुंगा के एक कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और इसके साथ ही रमाकांत अचरेकर से कोचिंग भी लेते रहे। इस दौरान उन्होंने 1996 में प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए के मैचों में खेलने का मौका मिला, उन्हें मुंबई की ओर से खेलने का मौका मिला।


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बचपन में बस शौक हुआ करता था क्रिकेट

अजीत अगरकर क्रिकेट जगत में ऐसा नाम हुआ करता था, जिनकी बॉलिंग के आगे अच्छे-अच्छे बल्लेबाज भी परेशानी में पड़ जाते थे, लेकिन अजीत ने शुरुआत में क्रिकेट को संजीदगी से नहीं लिया, ना ही उनका सपना एक सफल क्रिकेटर बनने का था। अजीत ने बचपन में शौकिया तौर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया था और बचपन में अपनी कॉलोनी में क्रिकेट खेलते हुए वो पड़ोसियों की खिड़कियां तोड़ देते थे।  रोज की इस कहानी को देखते हुए घरवालों ने परेशान होकर उन्हें शिवाजी पार्क में कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गए और आचरेकर ने आगरकर को देखते ही कहा ‘क्रिकेट तुम्हारा शौक नहीं, एक दिन जुनून बनेगा।’


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बल्लेबाजी से शुरूआत की लेकिन गेंदबाज बन गए

शुरुआत में अपने कोच के साथ अजीत ने बल्लेबाजी की प्रैक्टिस शुरू की, लेकिन वो बैटिंग से अच्छी बॉलिंग किया करते थे। ऐसे में उन्होंने गेंदबाजी पर ही फोकस किया, महज 15 साल की उम्र में अजीत को मुंबई टीम से रणजी क्रिकेट मैच खेलने का मौका मिला। इसके बाद अजीत की गेंदबाजी चमक उठी और उन्हें 1998 में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के लिए मैदान में उतारा गया।



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अगरकर में दिखी थी कपिल देव की झलक

अजीत अगरकर ने जब अपने करियर की शुरुआत की, तो सभी को लगा कि यह खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा है। वनडे में अगरकर ने अपना पहला मैच 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला, डेब्यू के बाद लगातार 13 मैचों तक एक भी मैच ऐसा नहीं रहा जिसमें उन्हें विकेट न मिला हो। इस तूफानी रफ्तार से बढ़ रहे करियर ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए। इस क्रम में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली के सबसे तेज 50 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। अगरकर ने यह रिकॉर्ड मात्र 23 मैचों में बनाया, 1998 में बनाए गए इस रिकॉर्ड को 2009 में श्रीलंका के अजंथा मेंडिस ने तोड़ा।



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अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया में 20 साल बाद टेस्ट मैच जीत में निभाया था अहम किरदार

2003 में जब भारत ने 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीता, तो उस जीत में अगरकर का बहुत बड़ा योगदान था। पहली पारी में 556 रन का पहाड़ जैसा स्कोर बनाने वाली कंगारू टीम को दूसरी पारी में अगरकर की घातक गेंदबाजी ने मात्र 196 रन पर ढेर कर दिया था। अगरकर ने मात्र 41 रन देकर 6 विकेट चटकाए और भारत मैच जीत गया।








लगातार 7 बार जीरो पर आउट होने वाला क्रिकेटर

अजीत आगरकर लगातार 7 बार शून्य पर आउट हुए थे, जिसके कारण उनका नाम ‘बॉम्बे डक’ पड़ गया था।  जाहिर है आगरकर का ये रिकॉर्ड कोई क्रिकेटर नहीं बनाना चाहेगा।







अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया में 20 साल बाद टेस्ट मैच जीत में निभाया था अहम किरदार
2003 में जब भारत ने 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीता, तो उस जीत में अगरकर का बहुत बड़ा योगदान था. पहली पारी में 556 रन का पहाड़ जैसा स्कोर बनाने वाली कंगारू टीम को दूसरी पारी में अगरकर की घातक गेंदबाजी ने मात्र 196 रन पर ढेर कर दिया था. अगरकर ने मात्र 41 रन देकर 6 विकेट चटकाए, और भारत मैच जीत गया.

21 गेंदों में बनाया अर्धशतक

भारतीय टीम में उन दिनों ऑलरांउडर खिलाड़ियों की बहुत कमी थी। अजीत के नाम भारत की ओर से सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। उन्होंने साल 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 21 गेंदों में 50 रन बनाए थे। अजीत ने क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में नंबर 8 पर बैटिंग करते हुए शतक जड़ा था, अजीत आगरकर ने वो कारनामा कर दिखाया, जो सचिन तेंदुलकर जैसा महान बल्लेबाज भी नहीं कर सका।



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सबसे कम वनडे मैचों में बनाए सबसे ज्यादा रन

साल 2002 में सौरव गांगुली ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा, अजीत ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और 95 रन की शानदार पारी खेली। अजीत आगरकर के नाम सबसे कम वनडे मैचों में 200 विकेट और 1000 रन बनाने का भी रिकॉर्ड है।




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क्रिकेटर मजहर की बहन फातिमा से की लव मैरिज

रणजी मैच में मुंबई की ओर से खेलने वाले क्रिकेटर मजहर की बहन फातिमा घड़ियाल और अजीत के बीच शुरुआत में दोस्ती थी। फातिमा अक्सर अजीत के मैच भी देखने आया करती थीं। दोनों ने 2007 में शादी करने का फैसला लिया, लेकिन दोनों के बीच धर्म की दीवार थी, शुरुआत में दोनों के परिवार में इस बात को लेकर कुछ मतभेद हुए लेकिन मामले को सुलझाते हुए दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और 2007 में शादी कर ली। अजीत फैमिली बिजनेस में बिजी हैं, उन्हें कई बार कई क्रिकेट इंवेट में भी देखा जाता है। वो अपनी पत्नी और बेटे राज के साथ वर्ली, मुंबई में रहते हैं।



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साल 2014 में लिया संन्यास

भारतीय टीम में अजीत ने 2007 तक क्रिकेट खेला था, उसके बाद वो आईपीएल और रणजी मैचों का हिस्सा बनते रहे। साल 2014 में उन्होंने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उससे पहले अजीत ने रणजी मैच में सौराष्ट्र टीम की कप्तानी करते हुए, करीब 75 साल बाद इस टीम को रणजी में जगह दिलवाने का कारनामा भी कर दिखाया था।…Next



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