अभी तक भारतीय टीम ने वर्ष 2000 (कप्तान मोहम्मद कैफ), 2008 (कप्तान विराट कोहली) और 2012 (कप्तान उन्मुक्त चंद) में यह खिताब जीता। इस बार भारतीय टीम का सफर देखें, तो यह टीम खिताबी जीत की प्रबल दावेदार है। ऐसे कई कारण हैं, जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भारतीय टीम विश्व विजेता बनेगी। आइये आपको ऐसे ही 6 मजबूत कारणों के बारे में बताते हैं।
अभी तक बेहतरीन प्रदर्शन
अंडर-19 वर्ल्डकप में अभी तक टीम इंडिया का सफर शानदार रहा है। भारत ने अपने लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया को 100 रनों से हराया। दूसरे मैच में पापुआ न्यू गिनी पर 10 विकेट से जीत दर्ज की। इसके बाद जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हराया। क्वॉर्टर फाइनल में बांग्लादेश को 131 रनों से शिकस्त दी। सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 203 रनों से हराकर फाइनल में जगह पक्की की।
भारतीय टीम की अच्छी बल्लेबाजी
इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की बल्लेबाजी पर नजर डालें, तो अभी तक हर मैच में अच्छी बल्लेबाजी हुई है। पंजाब के शुभमन गिल ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शानदार शतक ठोका। कप्तान पृथ्वी शॉ और मनजोत कालरा ने भी अधिकतर मौकों पर टीम को मजबूत शुरुआत दी। हार्विक देसाई और अभिषेक शर्मा टीम के मिडल ऑर्डर को मजबूत बनाते हैं। भारतीय बल्लेबाजों ने हर तरह की गेंदबाजी का बेहतरीन तरीके से सामना किया है। फाइनल में भी यह प्रदर्शन बरकरार रहा, तो भारत जीत दर्ज कर सकता है।
मजबूत गेंदबाजी आक्रमण
गेंदबाजी में भी भारतीय युवाओं ने तारीफ बटोरी है। कमलेश नागरकोटि और शिवम मावी ऐसे गेंदबाज हैं, जो 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली भी इन दोनों पेसरों की तारीफ कर चुके हैं। इसके अलावा इशान पोरेल भी भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत बनाते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 17 रन देकर चार विकेट लिए थे। वहीं, अनुकूल रॉय अपनी स्पिन से किसी भी बल्लेबाज को उलझाने में सक्षम हैं।
बेहतरीन फील्डिंग
मैच जीतने के लिए सबसे मजबूत कड़ी में से एक है फील्डिंग। अभी तक के मुकाबलों पर नजर डालें, तो भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छी फील्डिंग से भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। शॉ, गिल और शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन कैच पकड़े। नागरकोटि ने बांग्लादेश के खिलाफ शानदार थ्रो फेंका। आउटफील्ड में भी भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
शॉ की मेच्योर कप्तानी
मैच जीतने के लिए टीम का नेतृत्व मजबूत होना सबसे जरूरी होता है और भारतीय टीम की यह कड़ी भी मजबूत है। कप्तान के रूप में पृथ्वी शॉ ने काफी मेच्योरिटी दिखाई है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी उनकी कप्तानी की तारीफ कर रहे हैं। गेंदबाजी परिवर्तन हो या फील्डिंग सेट करना, बतौर कप्तान शॉ ने अपने फैसलों को सही साबित किया है। उनकी मेच्योर कप्तानी फाइनल में टीम को जीत दिलाने में काफी मददगार साबित होगी।
द्रविड़ की अनुभवी कोचिंग
युवा टीम में जोश के साथ अनुभव हो, तो बड़े से बड़ा मैच जीत सकती है और यह खासियत भी भारतीय टीम के पास है। अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में जबरदस्त आत्मविश्वास भर दिया, जिससे ये कुछ भी कर गुजरने वाली टीम में बदल गए हैं। द्रविड़ की कोचिंग की ही देन है, जिससे इस टीम के प्रदर्शन में एक बेहतरीन क्लास नजर आ रहा है…Next
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