कोई भी क्रिकेटर जब तक फॉर्म में रहता है, तब तक हर ओर उसकी चर्चा होती है। मगर जैसे ही उसका फॉर्म साथ छोड़ता है, उस खिलाड़ी को प्रशंसकों से पहले टीम भूलने लगती है। इसकी दो बड़ी वजह कही जा सकती हैं। पहला यह कि जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के कारण कोई भी टीम खराब फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी को ज्यादा मौके देने का रिस्क नहीं उठाती, क्योंकि मैच हाथ से निकलने का डर रहता है। दूसरी वजह यह मानी जा सकती है कि क्रिकेट में नए टैंलेंट यानी नए खिलाड़ियों की लंबी लिस्ट है, जो बेहतरीन प्रदर्शन से सेलेक्टर्स को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। टीम इंडिया में भी ऐसा कई बड़े खिलाड़ियों के साथ हुआ है। खराब फॉर्म के कारण लंबे समय तक टीम से बाहर हुए और उनकी जगह नए खिलाड़ियों ने ले ली। ऐसे में वे संन्यास के कगार पर पहुंच जाते हैं। मगर टीम इंडिया में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए, जिन्होंने लंबे ब्रेक के बाद कमबैक करके लोगों को चौंकाया। सालों तक टीम से बाहर रहने के बाद अचानक टीम में इनके चयन से प्रशंसक खुश होने के साथ-साथ हैरान भी हुए। आइये आपको ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बतातें हैं, जिन्होंने अपने कमबैक से सभी को चौंकाया।
अभिनव मुकुंद
अभिनव मुकुंद को 2011 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में चुना गया था। उन्हें वेस्टइंडीज में 2 टेस्ट और इंग्लैंड में भी 2 टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला। 4 टेस्ट मैचों की 8 पारियों में मुकुंद ने कुछ अर्धशतकीय पारियां भी खेलीं, लेकिन एक बार वीरेंद्र सहवाग के फिट होकर टीम में आ जाने के बाद उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। इसके बाद नेशनल टीम में सेलेक्ट होने के लिए मुकुंद को काफी इंतजार करना पड़ा। लगभग 6 साल बाद 2017 में उन्हें तब टीम में वापसी का मौका मिला, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में मुरली विजय चोटिल हो गए।
लक्ष्मीपति बालाजी
2009 के बाद सन् 2012 में करीब 3 साल बाद मशहूर क्रिकेटर लक्ष्मीपति बालाजी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की। 2012 आईपीएल में बालाजी के बेहतरीन खेल की बदौलत उन्हें श्रीलंका में होने वाले टी-20 वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम में चुन लिया गया। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 10 विकेट चटकाए। बालाजी की वापसी जबरदस्त रही।
पार्थिव पटेल
साल 2002 में महज 17 साल की उम्र में पार्थिव पटेल ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। 32 साल की उम्र में उन्होंने जनवरी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला है। इतने लंबे टेस्ट कॅरियर में पार्थिव ने मात्र 25 टेस्ट मैच खेले हैं। मगर पार्थिव ने 2016 में करीब आठ साल बाद टीम में वापसी करके सभी को चौंका दिया था। 8 अगस्त 2008 के बाद सन् 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली टेस्ट में उन्हें चोटिल रिद्धिमान साहा की जगह टेस्ट टीम में शामिल किया गया।
वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण वनडे क्रिकेट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए। लक्ष्मण का मुकाबला न केवल टीम के युवा खिलाड़ियों युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ और दिनेश कार्तिक से था, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के उनके परफेक्ट जोड़ीदार राहुल द्रविड़ से भी था। 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद लक्ष्मण को वनडे टीम से बाहर कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने कुछ वनडे मैचों में हिस्सा लिया, लेकिन 7 अगस्त 2005 को वनडे मैच खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। मगर 2006 में साउथ अफ्रीका दौरे पर कप्तान राहुल द्रविड़ के आखिर के 2 वनडे के लिए उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें टीम में चुना गया। एक साल से भी ज्यादा समय के बाद उन्होंने वापसी कर सभी को चौंकाया। हालांकि, 3 दिसंबर 2006 को उनका कमबैक मैच उनके कॅरियर का आखिरी वनडे मैच साबित हुआ।
राहुल द्रविड़
2011 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया और ये दौरा इंग्लैंड बनाम द्रविड़ बन गया था। टेस्ट सीरीज में राहुल द्रविड़ ने शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम के बाकी खिलाड़ी जहां कुल मिलाकर 7 बार 50 रन ही बना सके, वहीं राहुल द्रविड़ ने अकेले 4 टेस्ट मैचो में 3 शतक लगाए। टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन का नतीजा ही था कि राहुल द्रविड़ को 2009 के बाद करीब 2 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में चुना गया। उन्हें टी-20 सीरीज में भी चुना गया। द्रविड़ ने इससे पहले कभी अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच नहीं खेला था। द्रविड़ ने वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया और कार्डिफ में खेले गए अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच में 69 रन बनाए…Next
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